वह जिसे मिल गई है एक नदी सुई की आँख में से गुज़ार पाने को औरों से घिरा बैठा एक नौजवान आदमी है उसके दोस्त पुकारते थे उसे ` मशरूम ` कहकर जो चश्मा पहने ही सो जाता था और हर सुबह नियम से खड़ा दिखाई देता था अपनी लिखने की ऊँची मेज़ पर जब उसने यह किया कि अद्भुत अष्टपाद रेंगने लगे पन्ने पर